Wednesday, October 26, 2016

मेरे शब्द और मैं

लेखक कल्पनाओ के संसार को अपनी लेखनी से पढ़ने वाले के सामने रच देता है ।

माँ सरस्वती के पुजारी कला के जानकार और अपनी क्षमताओं से धीरे धीरे पारंगत हो अपनी साधना को जारी रखते है ।

साधना जारी है, पड़ाव नहीं है जारी रखना अनवरत है देखो यह संघर्ष चाँद तक पहुँचे या सूर्य से तेज़ दे सिर्फ समय जानता है ।

इंतज़ार कीजियेगा, सत्येन वही है, था और वही रहेगा ।

संघर्ष जारी है और आपका साथ इसमें काफी प्रोत्साहन देता रहेगा ।

आगामी पर्वों के इस मौसम के हर एक पल की आपको हार्दिक शुभकामनाएं ।

आने दीपावली के दीपों की ज्योतिर्मय से आपके जीवन का हर क्षण आलोकित रहे ।

शुभकामनाओ के साथ
सत्येन