अक्सर लोग मेरी बात समझ नहीं पाते मैं मैं बहुत कम शब्दों में एक पूरी कहानी कहने की कोशिश करता हूं ताकि आप उस चीज के बारे में सोचें और कही गई बात के मर्म तक पहुंचे ।
आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू देखा और इंटरव्यू देखने के बाद जो मुझे लगा वह आपसे साझा करने का मन किया इस पूरी बात को कुछ बिंदु में समेटने की कोशिश मैंने की है आशा है यह सीधी और स्पष्ट बात आप लोगों की समझ में आएगी ।
मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जो कहा उसको सुनकर के यह लगा कि वाकई यह एक बड़ा कार्य है जिसे हिंदुस्तान की सेना ने अपने दम पर और स्वयं विवेक से किया जो बिना किसी राजनीति के देश की सेवा करती है ।
पाकिस्तान जाने और इमरान खान को बधाई देने के लिए मोदी का सीधा सा एक स्पष्टीकरण था कि कूटनीतिक संबंध को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखा जा सकता कूटनीति और राजनीति दोनों अलग-अलग हैं और सत्ता में बैठे प्रधानमंत्री के लिए दूसरे प्रधानमंत्री से मिलना और उसे बधाई देना एक आम बात है क्योंकि यह प्रोटोकॉल की श्रेणी में आता है ।
राफेल सौदा जो कभी मुद्दा उस पार्टी ने बनाया है जिसके आज तक के कर्णधार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं और अब इस सौदे में ने फायदा नहीं पहुंचा तो तिलमिला गए हैं ।
मेक इन इंडिया मतलब हर चीज भारत में बने फिर चाहे वो ट्रेन हो या हथियार क्योंकि अगर सबकुछ मेक इन इंडिया होगा भारत में बनेगा तो फिर न सिर्फ भारत आत्मनिर्भर होगा बल्कि भारत को विश्व शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता 1947 से लेकर अब तक मेक इन इंडिया की कही बात ही नहीं हुई मुद्दे गरीबी हटाओ जैसे थे जिन पर भी कोई बहुत ज्यादा लक्ष्य हासिल नहीं हुए ।
एक तरफ तो कांग्रेस यह कहती हैं की जो जो घोटाले करके भागे हैं उन्हें वापस क्यों नहीं ला रही सरकार लेकिन दूसरी तरफ जब वह लोग किसी भी तरीके से भारत लाए गए हैं जैसे मिशेल तो कांग्रेस के लोग उनके वकील बन कर उन्हें बचाने खड़े हो जाते हैं कांग्रेस असल में चाहती क्या है अपना राज बचाना या फिर झूठे मुद्दे उठाकर जनता को बेवकूफ बनाने कोशिश करना ताकि वह एक बार फिर सत्ता में आ जाए ।
95 मिनट के भाषण में मोदी ने जो भी जवाब दिए वह एकदम सरल स्पष्ट और सटीक हिंदी में दिए ताकि भारत देश के हर आम नागरिक को यह समझ आ सके और आमजन तक सीधे-सीधे शब्दों में वह सारी बात पहुंच सके जिसको लेकर बाकी का सारा विपक्ष देश के दूसरे सबसे बड़े पद प्रधानमंत्री के विरुद्ध अमर्यादित भाषा तक का उपयोग कर चुका है।
सीधी और स्पष्ट सारे सवालों के जवाब और 95 मिनट का जो प्रसारण मैंने देखा उसमें वह सारे मुद्दे थे जो किसी भी हिंदुस्तानी के दिमाग में चल रहे थे या फिर जिन मुद्दों के बल पर राजनीति सॉरी गंदगी फैला करके विपक्ष में बैठी कांग्रेश येन केन प्रकारेण सिर्फ सत्ता में आने का उद्यम कर रही है।
मुझे नहीं लगता की अब कोई सवाल शेष है हां एक जवाब जरूर है जो हमें देना है कि हम उस इंसान को कमजोर क्यों पड़ने दें जो हिंदुस्तान को विश्व की शक्ति बनते देखना चाहता है
सत्येन