मैं हिंदुस्तान रहने वाला आम नागरिक हूँ जो जानता है जो अयोध्या नगरी है जहाँ राजा दशरथनन्दन राम का जन्म हुआ यह हमारे पुराण, ग्रन्थ महर्षि वाल्मीकि द्वारा आदिकाल में लिखित श्रीमदवाल्मीकि रामायण और कलियुग में संत तुलसी दास जी द्वारा रचयित श्रीरामचरितमानस में है ।
हम सभी पढ़ चुके है कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की खुदाई के अवशेषों के मुताबिक वहाँ हिन्दू प्रतीक चिन्ह मिले है । इस सम्बन्ध में पुरातत्व वेता डॉ ओक की रिपोर्ट भी प्रमाणिक है ।
कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पीवी नरसिम्हाराव ने भी हलफनामे में जिक्र किया था कि अगर वह जमीन मंदिर की है तो उन्हें दी जाए मंदिर बने तो फिर कांग्रेस आज तक क्यों ना बना पाई ? आये अब श्रीराम याद क्यों जब चुनाव सर पर है।
हिंदुस्तान के संविधान में भी भगवान राम का उल्लेख है तो अब सवाल है मेरे कुछ, उन लोगों से जो अब एक दम से जागकर यह कह रहे है कि मंदिर हम बनाएंगे :-
1. सभी पार्टी कल सुबह मिलकर केस हटा लें । कोर्ट से केस हटा कर अपने अपने कार्यकर्ताओं से कहें कि आओ मंदिर बनाओ । क्या ऐसा करके आप दिखा सकते है ?
2. जिस भारत की समृद्धि और संस्कृति के चर्चे पूरे विश्व में हमेशा से रहे हैं और भारत हमेशा योग विज्ञान धर्म शिक्षा सब में अग्रणी रहा है जिस भारत में कदम कदम पर आपको एक से एक मंदिर मिलता है उस भारत में भगवान राम के अस्तित्व को तलाशने की आवश्यकता क्यों पड़ी ।
3. जब इतने सालों से कुछ पार्टियां और संगठन मंदिर निर्माण के लिए प्रयत्न कर रहे थे तो तथाकथित बुद्धिजीवी सेकुलर जमात जो हिंदू मुस्लिम भाई भाई का नारा आज अलाप रही है वह अब तक सर्वधर्म समभाव को जो भारत के संविधान का मूल तत्व है उसे क्यों भूल गई थी ?
4. सबसे जरूरी सवाल कांग्रेस पार्टी से कि आज उन्हें भगवान राम क्यों याद आते हैं जबकि भगवान राम को लेकर स्वर्गीय प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने जब हलफनामा दिया था कभी मंदिर निर्माण के लिए पार्टी आगे क्यों नहीं आई जो आज कह रही है कि यह सिर्फ भाजपा का चुनावी मुद्दा था अरे भाई अगर यह भाजपा का चुनावी मुद्दा था तो फिर आप इस मुद्दे को खत्म करने की कोशिश में क्यों नहीं लगे या फिर आपका गरीबी हटाओ वाला नारा अब खत्म होने वाला है क्योंकि गरीब तक पहुंच का आप का ठेका खत्म हो चुका है ?
5. जब जब कोई भी अच्छी चीज इस देश के लिए होती है तब तब क्यों कांग्रेस को यह लगता है की अब उसका अस्तित्व खतरे में है ?
6. रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम का कीर्तन करने वाले स्वर्गीय मोहनदास करमचंद गांधी जिन की समाधि पर हे राम लिखा हुआ है वह भी बड़े बड़े अक्षरों में तो भी कांग्रेस के आज तक के शासकों में सिर्फ और सिर्फ इस मुद्दे को टालने की ही मंशा क्यों रही ?
7. क्या आज हकीकत में कांग्रेस अध्यक्ष और उनकी पार्टी का हर प्रवक्ता स्वयं को राम भक्त सिद्ध करते हुए मंदिर बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता हैं ?
मंदिर बनेगा कोर्ट का फैसला भी आएगा और अध्यादेश भी आएगा कब आएगा यह आज की पढ़ी-लिखी जनता जानती है और यह मानती भी है कि कौन असल में मंदिर बनाएगा और कौन इसे सिर्फ मुद्दा बना रहा है ।
मेरी राय में अगर हम कांग्रेस पार्टी को पूछें तो सिर्फ एक सवाल कि क्यों 1947 से लेकर अब तक आपने हर बार वह सब कभी नहीं होने दिया जो हम सबके आस्था से जुड़ा है फिर चाहे वह राम जन्मभूमि हो या कृष्ण जन्म भूमि ।
आप अपने छद्म आवरण को उतारिए और सिर्फ इंतजार कीजिए बहुत जल्द एक बार फिर जिस दिन में मंदिर बनेगा तब पूरी अयोध्या में समवेत स्वर में गूंजेगा भए प्रगट कृपाला दीन दयाला ।
आस्था से खिलवाड़ न भाजपा कर रही है और ना नरेंद्र मोदी क्योंकि देश के कानून का सम्मान हर नागरिक को करना चाहिए और उसमें विश्वास रखना चाहिए लेकिन न्यायपालिका को यह चाहिए कि वह इसका फैसला पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर दे मैं मंदिर निर्माण का पक्षधर हूं और यह चाहता हूं कि जैसे आज भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता की बात करता है तो वह न्यायपालिका भी त्वरित गति से फैसला उस देश के धर्म ग्रंथों वैज्ञानिक रिपोर्टों और आस्था से जुड़े तथ्यों को ध्यान में रखकर दे ।
सत्येन दाधीच