आज काफी अरसे बाद रामलीला मन्च पर एक बार फिर चढ़ने और अभिनय करने का मौक़ा मिला । 10 साल या शायद उससे भी ज्यादा समय हुआ । एक बार फिर मंच ने उसी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और फिर यादें ताज़ा हुयी ।
नए चेहरे, वही दिलकश हारमोनियम और ढोलक का संगीत ।
अद्भुत लीला राम की जाने वही जो है रचियता इस अखिल सृष्टि का... राजा रामचंद्र की जय ।
नवलगढ़ की लीला अपने 49वें सोपान पर है ।