Saturday, October 24, 2015

अरज़ म्हारी सुणो रामसा पीर

अरज़ म्हारी सुणो राम सा पीर
मेणादे रा कँवर लाडला, बाई सुगना रा बीर - 2
अर्ज म्हारी सुणो राम सा पीर ।।

नवलगढ़ भक्ता र कारण, प्रगट भया थे पीर,
भारी-भारी जेल दिल्ही की तोड़ी हथकड़ियां जंजीर...
अर्ज़ म्हारी सुणो राम सा पीर ।।

ठाकुर ले ठुकरानी आयो ओढ़ कसुमल चीर,
मंदिरयो चिणायो थारो मेलो भरायो ,ल्याई रे चुरमो खीर
अर्ज़ महारी सुणो राम सा पीर ।।

बण्यो दीवालों थारो सोवणो कंचन वरन शरीर,
राम सा पीर न दुनिया ध्यावे,राजा रंक फकीर
अर्ज़ म्हारी सुणो राम सा पीर ।।

स्नेह राम जी सतगुरु मिलगा दियो भजन म सीर,
कहता भँवर भगत की नैया करियो परल तीर

अर्ज़ म्हारी सुणो राम सा पीर........

।।ॐ।। बोल राम सा पीर की..जय ।।ॐ।।