Saturday, December 5, 2015

पल वो इश्क के

ये लाखों लाख लम्हे प्यार के जो तूने दिए मुझको,
वो साल वो इश्क जो हमने एक जीवन बन के जिये ।
शुक्राना कैसे अदा करू तेरे प्यार का ए हमसफ़र,
हर एक पल जिया जो पल मेरे नाम ए मोहब्बत किये ।।

कुछ वो लम्हे प्यार के कुछ मीठी सी तकरार के,
बेइन्तहा मुहब्बत के जो तूने हर पल दिए ।
शुक्रिया मेरे महबूब तुझको मेरे बेपनाह,
शुक्रिया तेरे उस मेरे रूठने इसरार के लिए ।।

प्यार से तूने मेरे इश्क के हर पल को संभाला,
शुक्रिया प्यारे से नन्हे इन दो फूलों के लिए ।
मैं कायल हो गया तेरी मुह्हबत का सनम,
जीता हूँ अब सिर्फ तेरी मुस्कुराहटों के लिए ।।

तेरा वो हाथ रहना हाथ में मेरे नर्म अहसास है,
लगता है मेरी सांस आती है तेरी सांस के लिए ।
ये जिदगी का दिन है यादगार मुझ दीवाने को,
के जब तुम आये थे सदा के मेरा हो जाने के लिए ।।

इश्क है तुझसे अ मेरे दिल की धड़कती धड़कन,
धड़कती है तेरे दिल में हर एक पल धड़क जाने के लिए ।
दूर होता हूँ जब भी मैं साँसों से तेरी अ रहबर,
मचल जाता हूँ फिर तेरा साथ पाने के लिए ।।

Satyen dadhich

कलाम-ए-कलम ®