Saturday, November 14, 2015

बचपन की जिद

कागज़ की कश्तियों से सफ़र नहीं हुआ करते ये तो सच है पर किसी ने बचपन की इन कश्तियों को देखकर पानी के जहाज़ जैसी चीज बनाने की ठानी होगी ।

बचपन से लेकर आज तक काउ सपने देखे और उन्हें पूरा करे ऐसी कोशिश भी की । कुछ पूरे सच हुए और कुछ आधे अधूरे से । बचपन एक बड़ी चीज़ सीखा गया "जिद"

जिद करो और पूरे करो हर सपने को ताकि जिंदगी जी सको अपनी खुद की जिद पर खुद की शर्तों पर ।

बाल दिवस की आप सबके बाल गोपाल को हार्दिक शुभकामनायें । उनकी जिद को पूरा करो और बनाओ उन्हें सफलतम ।

शुभकामनायें ।

Satyendra Dadhich Sonu