कागज़ की कश्तियों से सफ़र नहीं हुआ करते ये तो सच है पर किसी ने बचपन की इन कश्तियों को देखकर पानी के जहाज़ जैसी चीज बनाने की ठानी होगी ।
बचपन से लेकर आज तक काउ सपने देखे और उन्हें पूरा करे ऐसी कोशिश भी की । कुछ पूरे सच हुए और कुछ आधे अधूरे से । बचपन एक बड़ी चीज़ सीखा गया "जिद"
जिद करो और पूरे करो हर सपने को ताकि जिंदगी जी सको अपनी खुद की जिद पर खुद की शर्तों पर ।
बाल दिवस की आप सबके बाल गोपाल को हार्दिक शुभकामनायें । उनकी जिद को पूरा करो और बनाओ उन्हें सफलतम ।
शुभकामनायें ।
Satyendra Dadhich Sonu