जब किसी ब्रैंड का बात आती है तो दिमाग में सबसे पहले कंपनी का Logo आता है. इससे भी पहले अगर कुछ हमारे दिमाग में बनता है तो वो है Logo का रंग. Logo के रंग का असर कस्टमर के दिमाग पर इतना ज़्यादा होता है जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते. कई रंगों से लोगों के इमोशन जुड़े होते हैं. अपने प्रॉडक्ट की पैकेजिंग का रंग, कस्टमर की Color Psychology को ध्यान में रखते हुए बनाने से बिक्री पर काफी असर आता है.
रिसर्च एंड डिज़ाइन कंपनी WebPageFX की रिसर्च के मुताबिक कोई भी कस्टमर 90 सेकंड के अंदर किसी प्रॉडक्ट को खरीदने या न खरीदने का मन बना लेता है. ऐसे में 85% लोग रंग की बुनियाद पर ये फैसला करते हैं. 80% लोग मानते हैं कि रंग ब्रैंड की पहचान बनाता है. कोई भीरंगीन विज्ञापन, ब्लैक एंड वाइट विज्ञापन से 42% ज़्यादा देखा जाता है. रंग आपकी समझ और पढ़ने-सीखने की क्षमता को 40% से 73% तक बढ़ा देता है. मार्केटिंग के लिए मुख्य रूप से 6 रंगों का इस्तेमाल होता है, जो हैं लाल, पीला, हरा, नीला, नारंगी और बैंगनी रंग.