Sunday, November 5, 2017

समझकर वोट मांगिये, नोटा ना दबा दे

ये भी पर सुना है कि कांग्रेसी राजमाता अपना इलाज करवाने विदेश अक्सर जाया करती है इसका मतलब समझते हो या नही ??? 1947 से अब तक कांग्रेस का अपना शासन रहा है और भारत में बड़े बड़े अस्पतालों की स्थापना इन्ही के शासनकाल में हुई या नही ??? जवाब अगर हां है तो मेरा सवाल यह है कि आपने 1947 से लेकर आज तक जितना भी चिकित्सा के नाम पर भारत में खर्च किया वह जब आपके नही काम आया तो आम आदमी के क्या काम आएगा ???

राहुल गांधी नेता है नेता रहे भले ही कांग्रेस के प्रमुख बने हमें कोई आपत्ति नही क्योंकि यह आपकी खानदानी पार्टी है और मुखिया की मर्जी चाहे जिसे वारिस बनाए लेकिन देश के मामले में सोचिये कि वो प्रधानमंत्री आपकी बात क्या समझेगा जिसको यह तक नही पता कि आलुओं की फैक्टरी होती है या किसान उगाता है ?? और ये खुद को किसान हितैषी कहते है ।

वैसे एक बात तो राहुल गांधी का खर्चा कम है क्योंकि नोटबन्दी में सिर्फ एक बार बैंक गए थे नोट बदलाने ????

जनता समझदार हो चली है, सोशल मीडिया पर सबकी नजरें और करतूत रहती है और ईवीएम में नोटा का बटन भी आ गया है, कहीं ऐसा ना हो कि हाथ का निशान रखने वाली पार्टी के आका हाथ हिलाते हुए किसी और देश का रुख कर दे क्योंकि पब्लिक सब जानती है और उसे अपना हक लेना बखूबी सिखाया है इस सरकार ने जिसे पूरी दुनिया सलाम करती है ।

सत्येन दाधीच