हिंदुस्तान के विश्व गुरु के रूप में दिए गए वसुधैव कुटुम्ब के संदेश को शायद आज की पीढ़ी भूल रही है तभी तो आज निरर्थक बातों पर भारत बंद करके कौनसा हित साधन कर रहे हैं हम ?
कभी किसी बात पर, कभी किसी मुद्दे पर सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ तो कभी दंगो के रूप में अमन चैन को भंग करने की कोशिशें बीते कुछ समय से बहुत ज्यादा बढ़ रही है जो हिंदुस्तान को रोकना चाहती है हर पल आगे बढ़ने से ।
अब जरा सा हट कर सोचना होगा कि आखिर आज तक यह आरक्षण आंदोलन क्यों ना हुआ और ना किसी को किसी कानून व्यवस्था से कोई समस्या थी लेकिन जब से हिंदुस्तान की जड़ो में रचे बसे भ्रष्टाचार को निकालने की कवायद शुरू हुई तो अचानक से मानो देश की सारी विरोधी पार्टियों ने एक होकर सरकार के खिलाफ हर दांव आजमाने की तैयारी की ।