कभी ये तो कभी वो,
मिलके रोज़ भारत बंद करेंगे ।
आधे सवर्ण आधे दलित,
हिंदुस्तानी बस यूँ ऐसे बंटेंगे ।।
सैतालिस में बाँट दिया पहले,
हिन्दू मुसलमां के नाम पर ।
नेता ने मिल नेताओं के साथ,
किया छल आजादी के नाम पर ।।
समझदार तब भी न थे हम,
अब कौनसी समझा करेंगे ।
नेताओं की लगाई में आग में,
जल जल के बस यूँ मरेंगे ।।
जो नही आये कभी सामने,
मरहम लगाने वो नेता है ।
एकता उसकी दुश्मन है,
तभी वो सबको बाँट देता है ।।
मानसिकता को कुछ यूं समझो यारो,
ये नेता तो जीवन भर बस यूँ ही करेगा ।
तुम आपस में लाख लड़ो जात पांत पर,
हर हाल में अपना हिंदुस्तानी मरेगा ।।
खाई जो नफरत की बनाते है नेता,
आओ मिलके एक हो मिटायें यारों ।
हम एक थे और एक रहेंगे हर पल,
बाँटने वालों को चलो दिखाए यारों ।।
सत्येन दाधीच
7425003500