Friday, March 13, 2015

मेरा हिन्दुत्ववाद और मैं

यहाँ हिंदुत्व की बात करने वाले और हिन्दू होने का दम भरने वाले कितने बंधू लोग विश्व हिन्दू परिषद् से जुड़े है । शायद की कोई एक आधा....राजनैतिक दलों से 99 प्रतिशत जुडे हुए है । अब बताओ कितना हिंदुत्व है । मेरे एक शब्द का भी उद्देश्य आपको या आपकी भावनाओ को आहत करना नहीं है सिर्फ मेरे  विचार व्यक्त करना है ।

बात अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक की नहीं है । बात यहाँ उन परिपाटियों उन रस्मो की है जिन्हें हम आदिकाल से निभाते आये है । अगर कोई आपको कहे की 2016 से आप मंदिर मैं आरती रात को 12 बजे करेंगे और 2017 से आपको रात के 3 बजे करनी है । तो क्या आप मानेंगे । नेताओ को बीच से हटा दो ।

जिस परिवार ने दंगों के दर्द को नजदीक से महसूस किया है उन्हें यह पता है की ये नेता लोग कुछ नहीं होते इनकी कोई जात नहीं होती । तुम्हारे समाज का हिस्सा नहीं है वो लोग फिर उनको तुम्हारे हक़ के या बेहक़ के फैसले करने का अधिकार देकर तुम अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का दुस्साहस कर रहे हो । बात अगर हिंदुत्व की है तो हिंसायाम् दूयते स हिन्दू । जो हिंसा से दूर है उस हिन्दू के साथ इस प्रकार की दोगली राजनीति खेल यह परशान करने का खेल यह प्रशासन और  नेतागण खेल रहे है । हमारी आस्था और रीतियों के साथ जो खिलवाड़ करेगा याद रखो ये हिन्दू उसे कभी क्षमा नहीं करेगा ।

जाती पाँति और धर्म का भेदभाव करके हुंकार करने वाला इंसान क्या ब्लड बैंक में जाकर कभी नहीं पूछता की ये खून मुस्लिम, हिन्दू, सिक्ख या ईसाई में से किसका है । वहां अगर खून की जात सिर्फ इंसान है तो और जगह ये  भेदभाव नहीं होना चाहिए ।

मुम्बई दिल्ली और देश विदेश मैं रहने वाला हर हिन्दू जब जय बली बजरंग बली का नारा लगाएगा तो प्रशासन की आँखें खुलेगी । फ़ॅसबुक या व्हाट्स अप पर हिंदुत्व की बात चाँद पर बैठ कर भी की जा सकती है लेकिन अगर बात संस्कृति त्यौहार और रिवाजों की है तो फिर आओ मित्रो और अपना हर त्यौहार मनाओ ।

दिल तो है हिंदुस्तानी पर अगर मैं हिंदुत्व की बात करूँ तो वो आत्मा के अंदर है । मैं शांति पसंद हूँ तो गर्व से कह सकता हूँ की मुझे मेरे हिंदुत्व और मेरे हिन्दू होने पर गर्व है ।

#Satyen #हिंदुत्व #LifeLine