आज कल का युग इतना तेज़ और अलग आभास में जीता है कि अगर आप अपने आस पास की दुनिया से अगर आगे उठकर कहीं अपने आप को कुछ साबित करना चाहते हो तो स्वयं को इस चकाचौंध भरी दुनिया के सामने एक मौलिक, नए नजरिये से और वृहत्त रूप में लाना होगा ।
ज़माना बहुत बदल चुका है, स्व-आभासी दुनिया में जीने वाले आज के इंसान बौद्धिकता, अन्तःप्रेरणा, साहसिक होने से कहीं ज्यादा अंतर्मुखी होते जा रहे है ।
राजा लोगो द्वारा की जाने वाली "मुनादी" कालांतर में लाऊडस्पीकर पर होने लग गई । अखबार, रेडियो, टीवी, पत्र-पत्रिकाओं, पम्प्लेट्स मानो अब बीते जमाने की बात हो गई है । इंटरनेट ने एक नयी सूचना क्रान्ति का आगाज़ किया है और इक्कीसवीं सदी का सबसे अद्भुत मंच बना दिया है कि आप अपनी बात को अपने व्यक्तिगत तरीके से इस दुनिया के सामने रख सकते है ।
ऑरकुट से शुरू हुई यह क्रान्ति फेसबुक के पदार्पण के साथ अपने चरम रूप की और अग्रसर हुई है, जिसे ट्विटर और इंस्टाग्राम ने एक नया आयाम दिया है । 160 शब्दों के शॉर्ट मैसेजिंग सर्विस (एस ऍम अस) को व्हाट्स एप्प ने अपनी विविध खुबियों के साथ बीते जमाने की बात सा कर दिया है ।
किताबी ज्ञान मानो बीते जमाने की बात हो गया है । पन्ना पलटने वाली अँगुलियों के श्रम पर मानो विराम सा लग गया है । निरक्षरता की निशानी माना हुआ "अँगूठा" आपके मोबाइल स्क्रीन को छूकर पलक झपकते ही आपको इंटरनेट के अगाध और अकल्पनीय ज्ञान से साक्षात् करवा देता है ।
बड़ी विज्ञापन फर्मो ने इस माध्यम का सबसे बड़ा और अकल्पनीय फायदा उठाया उन कम्पनियों के लिए जो रचनात्मक लेखन को मात्र प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ही बपौती समझते थे ।
आज के इस युग में आप अगर अपने आपको एक बेहतर ब्रांड बनाना चाहते है या फिर अपने किसी उत्पाद को नव पीढ़ी के सामने लाना और स्थापित रखना चाहते है तो और आम आदमी तक फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्स एप्प जौसे बेहतर माध्यम के जरिये पहुँचना चाहते है तो यकीन जानिये आप इस आभासी दुनिया में अपना वजूद स्थापित करके रह पाएंगे ।
मितव्ययी, कम बजट और आसानी से अपने मोबाइल से मात्र इंटरनेट कनेक्शन से आप अपना काम कर सकते है । यह आपका अपना सोचने का और बात कहने का आसान तरीका ही है जो आपसे जुड़े हुए लोगों को आपके विचारों को सुनने और समझने को प्रेरित करता है ।
शब्दों का बेहतर चयन, नयनाभिराम चित्रों, सटीक और स्पष्ट बात तथा लोगों से जुड़ाव आप और आपके विचारों को लोगों के साथ अधिकतम रूप में जोड़ता है । यह एक ऐसी आभासी दुनिया है जिससे जुड़ाव सहज ही हुआ है पर उस से जुड़े रहना अत्यंत कठिन है ।
करोड़ों रुपए विज्ञापन पर फूँक डालने वाली कम्पनीज अपने विभागों में "सोशल मीडिया विंग" को जोड़ कर आम आदमी के मोबाइल तक पहुँचने का हर पल प्रयास कर रही है । अपनी रचनात्मकता से किसी भी व्यक्ति या उत्पाद को आमजन के दिल और दिमाग में स्थापित करने वाले लेखकों की फौज के लिए मानो नए द्वार को खोलकर ये कंपनियां सूचना क्रान्ति के हर आयाम को भुना लेना चाहती है ।
और शायद यह सही भी है क्योंकि कभी भी सायबर कैफे में कदम ना रख पाये व्यक्तियों तक ने टच स्क्रीन मोबाइल्स के जरिये आने वाली इस क्रान्ति को हाथों हाथ लिया है और फेसबुक, व्हाट्स एप्प जैसे बहुआयामी मंचों पर अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज की है ।
तो आइये इनका उपयोग करे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस युग में हम कदमताल मिलाकर ज्ञान को विशिष्ट ज्ञान में बदले ।
Satyen Sonu©
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मेरी समझ में "सोच " महत्वपूर्ण है क्योंकि अलग तरीके से सोच और विश्वास है एक दिन महान बन जाने का कारण बनते है