Monday, February 20, 2017

कोई बात नहीं ।

कोई ख्वाहिश मुझे ना मिले,
मेरे लिए ये कोई नई बात नहीं ।
साया भी छोड़ दे गर हाथ मेरा,
तो हैरत की अब कोई बात नहीं ।।

मांग के बेदिली ली है मेरी कसम,
मैंने मेरे लिए खुदा से दुआओं में।
बहुत पत्थरदिल हूँ एक जमाने से,
दिल में मेरे अब कोई जज्बात नहीं ।।

सच कहूँ जो तुमसे रखी हो परदे में मैंने,
दिल में मेरे ऐसी अब तलक कोई बात नहीं ।
जलता है मेरा धूप से मुक्कदर हर पल,
तकदीर में एक पल मेरे चांदनी रात नहीं ।।

सत्येन