तेरी आँखों ने क़त्ल कर डाला मुझे,
ये इलज़ाम तेरे सर है महबूब मेरे ।
हम अरसे से फिदा है तेरी अदाओं पर,
लिख दिये दिल ओ जान नाम तेरे ।।
तू जब सरकाती है शरमा के घूँघट,
सच कहता हूँ होश खो जाते है मेरे ।
तू जब खोलती है लब कुछ बोलने को,
चुप होकर के होंठ सिल जाते है मेरे ।।
दीवानगी में मैं चाँद बनके जब आता हूँ,
तेरे शहर से परे रोज छत पे दीदार को तेरे ।
और फिर तू सितारों सी लिपट जाती है,
दिल के स्याह आसमाँ पे रोशन हो के मेरे ।।
सत्येन दाधीच
7425003500