खुली किताब सा जीवन मेरा,
एक एक शब्द यूं साफ़ लिखा ।
कुछ पन्ने कोरे छोड़े है इसके,
बाकी पर तेरा नाम लिखा ।।
निकले थे क्या क्या लेकर,
वो लाव ओ लश्कर तमाम लिखा ।
कुछ जज़्बातों से लबरेज़ चाहते,
कुछ गुपचुप तेरे नाम लिखा ।।
दिल ने बात कहीँ ना खोली,
हवाओं पे किसने पैगाम लिखा ।
अपने आँसू को रोके हर लम्हे,
चेहरे पर तेरे मुस्कान लिखा ।।
Satyen Sonu©
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