नवलगढ़ शहर के पास बड़वासी गाँव में रहने वाली एक विधवा स्त्री जो अपना नाम सुप्यार कँवर बताती है पिछले कुछ दिनों से मेरे घर के आस पास ही अपने दिन बिता रही है । एक आध बार ध्यान नहीं गया लेकिन एक रात को जब उसे रोते बिलखते देखा तो उस वृद्धा के दुख के कारण जानने चाहे तो कुछ यूं हकीकत सामने आई ।
बड़वासी में रहने वाली इस महिला के पति का नाम केशरसिंह राव था और कई सालों पहले उनका देहांत हो गया ना कोई बेटा ना बेटी और फिर शुरू हो गया इनके दुखों का दौर ।
कभी अपने रिश्तेदारों के यहां, कभी पड़ोसियों के यहां दो जून की रोटी और रात को सोने के लिए एक छत जहाँ बस जीवन यूँ ही कट रहा है लेकिन पिछले कुछ दिनों से ना जाने क्या हुआ इस वृद्धा के साथ सब ने किनारा कर लिया ।
अपने रिश्तेदारों के यहाँ एक दिन रुकी लेकिन उन्होंने इसे निकाल के पल्ला झाड़ लिया और आ गई एक जिंदगी सड़क पर उस उम्र में जब उसे सहारा चाहिए ।
मेरे पड़ोसी महिलाओं ने संवेदनाशून्यता की मारी इस वृद्धा को खाने पीने से लेकर रात्रि विश्राम तक कि व्यवस्था की ताकि सब यह देख समझ सके कि इंसानियत जिंदा है अभी ।
कल 13 अक्टूबर 2017 को दोपहर नवलगढ़ उपखंड अधिकारी श्री दुर्गाप्रसाद मीणा जी को मैंने फोन कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया तो उन्होंने यथसम्भव सहायता करने की कही । नवलगढ़ थानाधिकारी श्री बलराज मान ने एक टीम गठित कर ए एस आई सुश्री ललिता और ओमप्रकाश को तत्संबंधित कार्यवाही करने हेतु भेजा ।