सब का एक समय होता है पर एक सा हमेशा नही होता , बदलाव जरूरी होता है या नही पर बदलाव होता आया है क्योंकि परिवर्तन संसार का शाश्वत नियम है ऐसा गीता में भी पढ़ा है और अगर आप स्थायित्व की बात करे तो याद रखिये जो आता है वो जाएगा क्योंकि तभी तो नया आएगा ।
उदाहरण के लिए कैसा हो कि पूरा जीवन दिन ही रहे कभी रात ना हो ?? परेशानी होगी या नही ??
अगर आप टेक्नोलॉजी नई चाहते हैं तो आपको बदलते रहना होगा अब ऐसी के युग में भला हाथ पंखे को कोई याद करता है ?
रही बात जनप्रतिनिधियों की तो आप जानते है जनता जिसे देखती है उसे उसके काम के हिसाब से बराबर का हिसाब करती है क्योंकि जनता वही है जो सब जानती है और फिर ये तो टेक्नोलॉजी का जमाना है तो बदलाव कब और कैसे होगा समझ ही नही सकता इंसान ।
वक्त की धारा में बहते हुए इंतजार कीजिये कल क्या होगा उसका आप सिर्फ पूर्वानुमान लगा सकते है भविष्यवाणी करना होगातो सिद्ध पुरुषों का काम है उन्हें करने दीजिए ।
बस जनता को खुश रखिये क्योंकि वही मत देती है उससे बड़ा जज जनप्रतिनिधियों के लिए और कोई नही है ।
बस लगे रहिये, क्योंकि सोशल मीडिया आपका आईना है ।
सत्येन दाधीच