त्यौहार.... यह शब्द दिमाग में आते ही मन प्रफुल्लित हो जाता है और उल्लास, उमंग, मस्ती से सराबोर होकर अपने आपको परंपराओं से जुड़ा महसूस करने लगता है ।
श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय ,
जिला - झुंझुनू
विषय - होली के जुलुस बाबत
महोदय ,
हम नवलगढ वासी पिछले कई वर्षो से होली को परम्परागत रूप से गैर के रूप में मनाते आये है । पिछले कुछ वर्षो में कई बदलाव इस रूप में हमने देखे है , इन्ही बदलावों के विषय में कुछ बिन्दुओ पर आपका ध्यान आकर्षित करवाना चाहते है
1. गैर के जुलुस में लोग हर्षोल्लास से जाते है परन्तु पिछले 2 वर्षो से प्रशासन ने पानी पिने की व्यवस्था को गैर में से हटा दिया है । जो की उचित नहीं है ।
2. महोदय होली के समय शहर के सैकड़ो लोगो को ज्ञापन थमा दिए जाते है , अगर आप इसकी सही रूप से जाँच करवाएंगे तो पाएंगे की ऐसे कई लोग है जिन्हें पुलिस के नाम का भी भय लगता है और उन्हें कुछ प्रभावशाली लोगो की वजह से ज्ञापन थमा दिए जाते है ।
3. महोदय यह त्यौहार हिन्दू संस्कृति से ओत प्रोत है और केशरिया ध्वजा हमारे धर्म का प्रतीक है ।फिर क्यों प्रशासन द्वारा गैर में इस ध्वजा पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है ।
महोदय हम नवलगढ के नागरिक 364 दिन हिन्दू मुस्लिम सभी मिल जुलकर रहते है । कई वर्षो पहले यदि गलत घटना हो गयी तो क्या इसकी सजा दोनों समाज को हमेशा भुगतनी होगी । हमारा प्रयास सिर्फ इतना है की सकारत्मक प्रयास प्रारम्भ किये जाये जिससे यह कटुता खत्म हो और दोनों समाज निकट आकर होली पर मिसाल कायम करे ।
निवेदक
समस्त नवलगढ वासी