Sunday, March 19, 2017

कविता :: वह है प्यार...

यह क्या है  प्यार...

जब तुम न कहो...
जब हम न कहें...
शब्द सीमाओं से...
है परे की चीज़ यह प्यार...

ज़ज्बात मेरे-तुम्हारे...
बयाँ कर पाए...
वह है प्यार...

बिन कहे जो समझ जाए...
वह है प्यार...
कोई हो ना हो पर साथ निभाए...
वह है प्यार...

बिन चाहत जो दे चाहत...
है वह प्यार...

क्या कहूँ मैं...
जो मन में है मेरे...
वह है प्यार...

जो कहता हूँ तुमसे...
वह है प्यार...
और जहाँ चुप हो जाऊँ...
वह है प्यार...

जहाँ लगालूँ सीने से तुम्हे...
वह है प्यार...
और तुम सुनो मेरी धड़कन...
वह है प्यार...

Satyen Dadhich sonu

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मेरी समझ में "सोच " महत्वपूर्ण है क्योंकि अलग तरीके से सोचना और स्वयं में अटूट विश्वास ही एक दिन महान बन जाने का कारण बनते है । 

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